दोस्तों यह खुश रहने की कहानी आपको खुश रहना सिखा देगी , की असली खुशी क्या होती है , हम हमेशा यही बोलते रहते है कि मैं अपनी जिंदगी से खुश नहीं हूं , लेकिन इन्हीं सब चीजों के बीच हम यह भूल जाते हैं की खुशी का असली मतलब क्या है , उसका हमारी जिंदगी में असली मकसद क्या होता है ?
एक दिन एक राजा अपने महल के तरफ जाते हुए, रोड पर चल रहे सब लोगों को देख रहा था , उसी बीच अचानक से उसकी नजर एक आदमी पर पड़ी , वह आदमी ना ही दिखने में बहुत ज्यादा खास था और ना ही उसने बहुत अच्छे कपड़े पहने थे,राजा ने सोचा कि शायद ये आदमी काफी गरीब होगा , लेकिन जो चीज राजा को उस आदमी के बारे में सोचने पर मजबूर कर रही थी, वो ये थी कि वह आदमी इतनी भीड़ में भी अकेला बैठा मुस्कुरा रहा था , उसकी आंखों में किसी चीज की बहुत खुशी थी ,
“खुश रहने की कहानी”
तभी राजा की गाड़ी आगे चली गई और कुछ देर बाद राजा उसके बारे में भूल गया,अब अगले दिन किसी और काम से राजा को फिर से उसी रास्ते से जाना था , राजा किसी सोच में खोया उस रास्ते से गुजर रहा था कि तभी फिर से उसकी नजर उसी आदमी पर पड़ी और इस बार भी उसने वही देखा जो उसने पिछले दिन देखा था , आज भी वह आदमी उसी तरह से खुश था जैसे राजा ने उसे देखा था ,
राजा अब उस आदमी के बारे में सोचने लगा कि ऐसी इसके पास क्या चीज है जो उसे हमेशा खुश रहने में मदद करती है , इसी सोच में राजा फिर से अपने महल की तरफ चला गया ,अब अगले दिन राजा ने जानबूझकर उस रास्ते से जाने का फैसला किया कि वह वापस देख सके की क्या वो आदमी आज भी वैसे ही खुश है या नहीऔर वैसा ही कुछ हुआ भी ,
जब राजा उसी रास्ते से वापस गुजर रहा था , उसने फिर से उस आदमी को देखा और आज भी वह आदमी वैसे ही खुश था जैसे उन 2 दिनों में राजा ने उसे देखा था, उस आदमी की खुशी देखकर राजा अपने ही मन में सवालों के जाल में फंस गया , वह सोचने लगा कि ऐसा क्या है जो इस आदमी को इतना खुश बना रहा है और जब राजा से रहा नही गया, तब उसने उस आदमी से जाकर बात करने का फैसला किया ,
राजा अपनी गाड़ी से उतरा, और उस आदमी के पास गया , वह आदमी थोड़े पुराने और हल्के से फटे कपड़े में बैठा हुआ था, वो राजा को देखते ही उनके सामने झुकने लगा, राजा उस आदमी के पास आया और उससे कहा कि मैं तुम्हें 3 दिन से देख रहा हूं ,
“खुश रहने की कहानी”
3 दिन से जभी भी मैं इस रास्ते से जाता हूं मैं तुम्हें हमेशा खुश ही देखता हूं , इसका कारण क्या है , क्या तुम्हारे पास काफी ज्यादा पैसे हैं ? तो इस पर वह आदमी मुस्कुराते हुए बोला की मालिक आप तो मेरी हालत देख ही रहे हैं , मेरे पास मेरे अगली बार खाना खाने के लिए भी पैसे नहीं है ,
राजा ने फिर से उसे एक और सवाल पूछा , ” तो हो सकता है तुम अपने परिवार के साथ बहुत खुश हो ? जिस पर उस आदमी का जवाब आया कि मेरा कोई परिवार नहीं है मैं अकेला ही हूं, लेकिन राजा इससे भी संतुष्ट नहीं हुआ , उसने वापस उस आदमी से पूछा , ” तो हो सकता है तुम्हारी सेहत काफी अच्छी हो ? जिस पर उस आदमी ने कहा जी ऐसा भी नहीं है , मेरे शरीर में कुछ ना कुछ हमेशा समस्या रहती है और दांत में किड़ा लगने की वजह से मेरे तो लगभग दांत भी टूट गए हैं ,
अब यह सब सुनकर राजा अपने ही चिंतन में खो गया, वह सोचने लगा कि जब इसके पास कुछ है ही नहीं तभी भी यह इतना खुश कैसे है ! ऐसी क्या चीज है जो इसे हमेशा खुश रख रही है, राजा ने अब एक असमंजस में पड़े इंसान की तरह चेहरा बनाकर उस आदमी से पूछा कि ऐसा क्या है जो तुम्हें इतने दुख होने के बाद भी हमेशा खुश रखता है,
और दूसरी तरफ मेरे पास सब कुछ है फिर भी मैं अपनी जिंदगी से खुश नहीं हूं , और उस पर जो उस आदमी का जवाब आता हैं उससे राजा पूरी तरह से संतुष्ट हो जाता है ,वह आदमी कहता है की मालिक , भगवान को सब पता है कि एक इंसान की कितना दर्द झेलने की क्षमता है , कितना दबाव वह अपनी जिंदगी में सह सकता है , उसी के हिसाब से भगवान उसे वैसे ही समस्या में डालते हैं ,
अब भगवान इसलिए ऐसा करते हैं क्योंकि जब कोई भी आदमी उस समस्या से लड़कर उसे झेल कर उस परिस्थिति से निकलता है तभी उसका अपने जिंदगी में विकास होता है , तभी वो जिंदगी के और रास्तों को समझ पाता है और सही तरह से अपनी जिंदगी को जीना सीखता है ,
उस वक्त पर अध्यात्म को अपने मन में रखकर जो आदमी अपनी बुरी से बुरी परिस्थिति से लड़ता रहता है उससे हार नहीं मानता , वही उसे आगे के समय में और मजबूत बनाती है ,यह मेरी बुरी परिस्थिति नहीं है बल्कि यह मेरी परिस्थिति को समझने का नजरिया है ,
जैसे कोई भी माता-पिता अपने बच्चों को बचपन से ही चलना सिखाते हैं , जिसमें वह कई बार गिरते हैं और उन्हें दर्द भी होता है , लेकिन अगर इसके बदले वही माता-पिता अपने बच्चों को बचपन में ही अपने गोदी में हमेशा यहां से वहां ले जाएंगे , तो इस बात से हमें हैरानी नहीं होगी कि आगे चलकर वह बच्चा ठीक से चल भी नहीं पाएगा,
उसे सही तरह से चलने की आदत नहीं होगी , यहां पर हमारा नजरिया जरूरी है , क्योंकि उस वक्त पर तो उस बच्चे के लिए वह मुश्किल का समय था लेकिन उसी के वजह से आगे उसका विकास हो पाया , जिसकी वजह से आज वह सही तरह से अपनी जिंदगी को जी सकता है और ऐसा ही हम सब के साथ होता है ,
Isliye हमारी परस्थिति चाहे कितनी भी खराब क्यों न हो, हमे दुखी नहीं हो चाहिए बल्कि ये सोच कर मेहनत करनी चाहिए की ये परस्थिति, हमारे भविष्य को अच्छा बनाने के लिए ऊपरवाले ने हमारे सामने रखी है, राजा ने जब उस आदमी की बात सुनी तब उसके चेहरे पर भी उसी आदमी के जैसे खुशी छलकने लगी , अब वह भी समझ गया था की खुशी का कोई रास्ता नहीं होता यह हमारे नजरिए में होता है ,
कहानी से शिक्षा-
इस कहानी से हम यह सीख सकते हैं कि हमारी जितनी भी बुरी परिस्थिति अभी है वह किसी ना किसी तरह से हमारे भविष्य में हमारी जिंदगी को और आसान बनाने और हमारे विकास के लिए ही है ,इसलिए हमें खुशी को ना ढूंढ कर, हर एक परिस्थिति को हमारे लिए अच्छी है इसी नजरिए से देखना चाहिए .
जय हिंद